उत्तराखंड कुमाऊँ क्षेत्र के प्रमुख किलें
उत्तराखंड कुमाऊँ क्षेत्र के प्रमुख किलें
खगमरा किला-
अल्मोड़ा के पूर्व में स्थित इस किले का निर्माण राजा भीष्मचंद ( 1555-60 ) ने कराया था।
लालमंडी किला-
अल्मोड़ा के पल्टन बाजार स्थित छावनी के भीतर इस किले को 1563 में राजा कल्याणचन्द ने बनवाया था। इसे फोर्ट मोयरा भी कहा जाता है।
मल्ला महल किला-
अल्मोड़ा नगर के ठीक मध्य में स्थित इस किले में वर्तमान में कचहरी , जिलाधीश कार्यालय व अन्य कई सरकारी दफ्तर है। इसे भी चंदवंशीय राजा कल्याणचंद ने बनवाया था।
राजबुंगा किला-
चम्पावत में स्थित इस किले को चंदवंशीय राजा सोमचंद ने बनवाया था।
नैथड़ा किला-
यह अल्मोड़ा जनपद के रामनगर - गनाई मार्ग पर मासी से लगभग 5 किमी. की खड़ी चढ़ाई पर नैथड़ा देवी मंदिर के नजदीक है। इसे गोरखाकालीन माना जाता है।
सिरमोही किला-
तहसील लोहाघाट में स्थित ग्राम सिरमोली में यह प्राचीन किला है।
बाणासुर किला-
चम्पावत जिले में लोहाघाट - देवीधुरा मार्ग से 7 किमी की दूरी पर एक ऊँची चोटी पर स्थित इस किले की लम्बाई 80 मी. और चौड़ाई 20 मी. है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार इसका निर्माण बाणसूर नामक दैत्य राजा ने कराया था। स्थानीय भाषा मे इसे मारकोट कहा जाता है।
गोल्ला चौड़-
यह प्राचीन किला चम्पावत में है, जिसे राजा गोरिल देवता ने बनवाया था। जो पूरे कुमाऊँ में गोलू देवता के नाम से विख्यात हैं।
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