उत्तराखंड का सबसे स्वादिष्ट पकवान " रोटना " जानिये कैसे बनता है ? | पहाड़ी मिठाई
उत्तराखंड का सबसे स्वादिष्ट पकवान "रोटना" जानिये कैसे बनता है ? | पहाड़ी मिठाई
नमस्कार दगड़ियों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड का सबसे स्वादिष्ट पकवान रोटना ( रोटाना ) कैसे बनाया जाता है बताएंगे।
उत्तराखंड का सबसे स्वादिष्ट पकवान रोटना या रोटाना उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की एक पारंपरिक मिठाई है। और रोटना को कुमाऊँ मंडल में भी बनाया जाता हैं। रोटना को गेहूं के आटे, घी, गुड़ का पानी और नारियल को आपस में मिलाकर तैयार किया जाता हैं। यह खाने में स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
रोटाना बाहर से कुरकुरा और अंदर से मुलायम होता है। गढ़वाल और कुमाऊँ के घर - घर में रोटना को बनाया जाता है इन्हें रोटना, रोटाना, रोटाने, रोट ( कल्यो ) व पहाड़ी बिस्किट या मिठाई भी कहा जाता हैं। रोटना को खासकर शादियों और त्यौहारों में बनाया जाता है और सबसे पहले अपने ईस्ट देवता को चढ़ाया जाता हैं।
रोटना को बनाया कैसे जाता हैं-
रोटना को बनाने की सामग्री-
गेहूं का आटा – 1 कप या 1/2 कप
गुड़ – 1 कप
घी – 1 बड़ी चम्मच
छोटी इलाइची का पाउडर – आधी छोटी चम्मच
दूध – 2 बड़ी चम्मच
कसा हुआ सूखा नारियल – 2 बड़ी चम्मच
पानी – 1/2 कप
चीनी पाउडर – सजाने के लिए
तेल – तलने के लिए
रोटना बनाने की विधि-
रोटना बनाने के लिए सबसे पहले पानी में गुड़ मिलाकर उसे गर्म किया जाता है। जब गुड़ की चाशनी बन जाती है तब चाशनी को ठंडा किया जाता है और इसके बाद सूखे आटे में घी मिलाकर उसे हाथों से अच्छी तरह मला जाता है। इसके बाद आटे में इलाइची पाउडर, दूध और नारियल मिला कर उसमें धीरे-धीरे चाशनी डालकर गूंथा जाता है।
आटे को गूंथने के बाद करीब 10 मिनट तक उसे ढककर रखा जाता है। इसके बाद आटे को एक बार फिर से गूंथा जाता है। इसके बाद आटे की छोटी-छोटी आकार की गोलियां बनाई जाती है। फिर आटे की गोलियों को सांचे या अन्य चीज से मनचाहा आकार देकर गर्म तेल में तला जाता है। अंत में अपनी इच्छानुसार सजावट के लिए रोटाना पर चीनी पाउडर या भुने हुए तिल डाले जाते हैं। और इसी प्रकार कुमाऊँ में रोटना बनाने के लिए गुड़ से तैयार आटे की बड़ी-बड़ी लोई बनाकर कर उसको रोटी के आकार जितना बड़ा बना लेते हैं और फिर उसके बाद रोटी को तवें में डालकर घी से पराठों की तरह सेंख लेते हैं। और फिर इसको रोटी की तरह खा लेते हैं। उत्तराखंड के कुमाऊँ में रोटना को पूजा में प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता हैं।
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