उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ मण्डल की ताल तथा झीलें
उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ मण्डल की ताल तथा झीलें
नमस्कार दगड़ियों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ मण्डल की ताल तथा झीलों के बारे में बतायेंगे।
उत्तराखण्ड हिमालय में कई झीलें हैं, जिनका निर्माण भूमि के धरातल पर भू-गर्भीय शक्तियों द्वारा परिवर्तन के परिणामस्वरूप तथा हिमानियों द्वारा हुआ है। हिमनद निर्मित तथा भू - गर्भीय शक्तियों द्वारा निर्मित झीलें स्थायी है। भूमि अवतलन के धरातल पर विशाल गर्त उत्पन्न हो जाते है, जिनमें जल भरने पर झीलें बनती हैं। कुमाऊं की अनेक झीलें इसी प्रकार की हैं। इसके अलावा हिमनदों द्वारा निर्मित गर्तो में हिम के पिघले हुए जल से हिमानी निर्मित झीलों का निर्माण होता है। उत्तराखण्ड राज्य अनेक झीलों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।
उत्तराखंड राज्य की कुमाऊँ की झीलें / ताल-
1. नैनीताल-
नैनीताल की ऊंचाई समुद्र सतह से 1,983 मी, झील की गहराई 15 से 90 फीट तथा क्षेत्रफल 132.5 एकड़ है। इस झील की खोज 1839 ई. में अंग्रेज पर्यटक पी बैरन द्वारा की गई। जनसंख्या के बढ़ते आवागमन एवं पर्यटन के बढ़ने के कारण नैनी झील का पानी प्रदूषित हो गया है।
2. भीमताल-
भीमताल की लम्बाई 448 मीटर, चौड़ाई 175 मीटर तथा गहराई 15 से 50 मीटर है। यह नैनीताल से भी बड़ी झील है। इस झील के बीच में एक टापू है। भीमाकार होने के कारण इसे भीमताल कहते हैं, परन्तु कुछ विद्वान इस ताल का सम्बन्ध पाण्डु पुत्र भीम से भी जोड़ते हैं। यह एक उपयोगी झील हैं।
3. नौकुचिया ताल-
भीमताल से 3 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर - पूर्व की ओर 9 कोने वाला नौकुचिया ताल समुद्र की सतह से 1,219 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस झील के 9 कोने हैं। इस क्षेत्र के निवासियों का विश्वास है कि 9 कोने को एक साथ देख लेने पर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, परन्तु ताल की आकृति कुछ इस प्रकार बनी है कि कोई भी व्यक्ति सात से अधिक कोने एक साथ नहीं देख सकता। पक्षियों के निवास के लिए यह ताल उत्तम है।
4. सातताल-
भीमताल से चार किलोमीटर की दूरी पर सातताल है। यह कुमाऊँ के सुन्दरतम तालों में से एक है। प्रकृति ने अपना सम्पूर्ण सौन्दर्य उदारतापूर्वक इस ताल को दिया है। घने बाँज के वृक्षों से घिरा यह ताल समुद्र तल से 1,371 मी की ऊँचाई पर स्थित है। यह तीन तालों का समूह है, जिन्हें राम-सीता-लक्ष्मण कहा जाता है।
5. खुरपाताल-
नैनीताल - कालाढूंगी सड़क मार्ग पर नैनीताल से 6 किलोमीटर दूरी पर जानवर के खुर के आकार का यह ताल है, जिसे अपने ही आकार के कारण खुरपाताल कहा जाता है।
6. गिरिताल-
काशीपुर - रामनगर सड़क मार्ग पर 3 किलोमीटर दूरी पर यह ताल स्थित है। यहाँ चामुण्डा, सन्तोषी माता, नागनाथ, मंशा देवी के सुन्दर तथा भव्य मन्दिर हैं। पर्यटन की दृष्टि से इस ताल का विशेष महत्त्व है।
7. श्याम ताल-
श्याम ताल 2 किलोमीटर की परिधि में फैला यह ताल चम्पावत जनपद में स्थित है। गहरे श्याम रंग के जल से भरा यह ताल ऊँची - नीची पर्वतमालाओं तथा लहलहाते सीढ़ीदार खेतों से घिरा हुआ है। इसमें सफेद कमल पुष्प खिलते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ सूखाताल, नागताल, स्वामीताल आदि भी हैं। इसके किनारे स्वामी विवेकानन्द आश्रम स्थित है।
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.