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चमड़खान गोलू देवता मंदिर

चमड़खान गोलू देवता मंदिर


नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड में स्थित चमड़खान गोलू देवता मंदिर के बारे में जानकारी देंगे।



उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत नगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर चमड़खान मोटर मार्ग में गोलू देवता का मंदिर स्थित है। चमड़खान में गोलू देवता न्याय देवता के रूप में पूजे जाते हैं। चमड़खान गोलू देवता का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है। जंहा गोलू देवता के चरणों की पूजा की जाती हैं।



चमड़खान क्षेत्र के लोगों की अपार श्रद्धा के केंद्र इस गोल्ज्यू मंदिर में चैत्र और आश्विन माह के नवरात्र और बैसाख को मेला लगता है। साल भर भी मंदिर में श्रद्धालुओं का आना - जाना लगा रहता है। मनौती पूरी होने पर भक्तजन चुनरी, बताशे और फल आदि अर्पित करते हैं। चमड़खान कस्बे के चीड़ वृक्षों के झुरमुटों के बीच में गोलू देवता का मंदिर है।

चमड़खान गोलू देवता की कथा-

चमड़खान गोलू मंदिर के बारे में मान्यता है कि पूर्व में जब गोलू देवता चंपावत से भ्रमण पर निकले तो उन्होंने चितई, ताड़ीखेत तथा चमड़खान में भी गोलू देवता ने एक सप्ताह तक अपना न्याय दरबार लगाया। लोगों ने गुहार लगाई कि अब आप यहीं विराजमान रहे तब गोलू देवता ने अपनी चरण पादुकाएं यहीं छोड़ दी व कहा कि जब भी किसी के साथ कोई अन्याय होगा तो गोलू देवता को याद करने पर वो उसको न्याय दिलाएंगे। 

मंदिर परिसर से लगभग 500 मीटर तक की दूरी पर एक भी चीड़ का पेड़ ऐसा नहीं है जो कि कोई नया पनपा हो। इस पर स्थानीय लोगों का मत है कि ये पेड़ उसी काल से यहाँ खड़े हैं जब गोल्जू देवता की यहाँ कालांतर में स्थापना की गयी। तब से न आस पास कोई नया पेड़ जन्म लेता है और न ही इन पेड़ों के टूटने से कभी कोई अप्रिय घटना जनमानस में घटित हुई है।

चमड़खान इन स्थानों पर उन्होंने लोगों को न्याय दिया और उनके कष्टों का निवारण किया। तब से यह स्थल आस्था के केंद्र बन गए हैं। यहां मंदिर पहले काफी छोटा था जो अब श्रद्धालुओं के सहयोग से भव्य बन गया है। मंदिर परिसर में कलुवा देव, नरसिंह देवता, दुर्गा, गड़देवी माता तथा बजरंग बली के मंदिर भी स्थापित हैं। मंदिर में दूर दराज से श्रद्धालु लोग पूजा-अर्चना को आते हैं। चैत्र तथा आश्विन की नवरात्र में मंदिर में मेला लगता है।

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