केशव प्रयाग उत्तराखंड
केशव प्रयाग उत्तराखंड
नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड में स्थित केशव प्रयाग के बारे में बताएंगे।
केशव प्रयाग उत्तराखंड के चमोली जिले के माना गाँव के पास में बहती हुई दो नदियों का संगम है।
यह दोनों नदियां क्रमशः सरस्वती नदी और अलकनंदा नदी है, अलकनन्दा नदी का प्राचीन नाम विष्णुगंगा है, इसका उद्गम स्थान संतोपंथ ग्लेशियर है। जो कि बद्रीनाथ से होकर आती है।
माना से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर तिब्बत सीमा की तरफ (माणा पास) से आने वाली नदी को सरस्वती माना जाता है। वहां सरस्वती कुंड से इस नदी का उद्गम माना जाता है। इस कुंड में माणा ग्लेशियर के साथ ही आसपास के ग्लेशियरों का पानी पहुंचता है। सरस्वती यहां कुंड के बाद कई जगह हिमखंडों व पत्थरों के नीचे से बहकर सीधे माणा में दर्शन देती है। माणा में भीम पुल के पास सरस्वती की पूजा की जाती है। इसके लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
सरस्वती नदी और अलकनंदा नदी आगे जाकर आपस में मिलते है, और जंहा ये नदियां आपस में मिलती है। उस स्थान को केशव प्रयाग कहते है। केशव प्रयाग में सरस्वती नदी मिलने के बाद शांत हो जाती है। और ये नदियां संगम होने के बाद भी यह अलकनंदा नदी कहलाती है। जो आगे जाके देवप्रयाग में भागीरथी नदी से मिलने के बाद गंगा नदी बन जाती है।
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