शिव समा रहे भजन लिरिक्स | बाबा हंसराज रघुवंशी
शिव समा रहे भजन लिरिक्स |बाबा हंसराज रघुवंशी
प्रोडूसड बी भोलेनाथ
सॉन्ग : शिव समा रहे
सिंगर/कम्पोज़र : हंसराज रघुवंशी
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
क्रोध को, लोभ को,
क्रोध को, लोभ को,
मैं भस्म कर रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
ॐ नमः शिवाय,
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं निर्मलभासित शोभित लिंगम् । जन्मज दुःख विनाशक लिंगं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम्
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं निर्मलभासित शोभित लिंगम् । जन्मज दुःख विनाशक लिंगं तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम्
तेरी बनाई दुनिया में
कोई तुझसा मिला नही,
मैं तो भटका दरबदर
कोई किनारा मिला नही,
जितना पास तुझको पाया
उतना खुद से दूर जा रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
ॐ नमः शिवाय,
मैंने खुद को खुद ही बांधा
अपनी खींची लकीरों मैं,
मैं लिपट चुका था
इच्छा की जंजीरों मैं,
अनंत की गहराइयों मैं
समय से दूर हो रहा हूँ,
शिव प्राणों मैं उतर रहे
और मैं मुक्त हो रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
वो सुबह की पहली किरण मैं,
वो कस्तूरी बन के हिरण मैं,
मेघों में गरजे, गूंजे गगन में,
रमता जोगी, रमता मगन में,
वो ही वायु में, वो ही आयु में,
वो जिस्म में, वो ही रूह में,
वो ही छाया में, वो ही धूप में,
वो ही हैं हर एक रूप में,
ओ........भोले.......ओ..........
क्रोध को, लोभ को,
क्रोध को, लोभ को,
मैं भस्म कर रहा हूँ,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
ॐ नमः शिवाय,
शिव समा रहे मुझमें,
और मैं शून्य हो रहा हूँ,
ॐ नमः शिवाय,
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