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उत्तराखंड में पंच केदार कौन-कौन से है?

उत्तराखंड में पंच केदार कौन-कौन से है?

नमस्कार दोस्तो आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड में पंच केदार कौन-कौन से है। इसके बारे में विस्तार पूर्वक बतएगें तो पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

उत्तराखंड में पंच केदार कौन-कौन से है-

1. केदारनाथ

2. तुंगनाथ

3. रुद्रनाथ

4. मध्यमहेश्वर

5. कल्पेश्वर

उत्तराखंड में पंच केदार का अपना विशेष महत्व है। केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर पंचकेदार के नाम से विख्यात हैं।

उत्तराखंड में पंच केदार (पाँच केदार) हिन्दुओं के पाँच शिव मंदिरों का सामूहिक नाम है। ये मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं। इन मन्दिरों से जुड़ी कुछ किंवदन्तियाँ हैं जिनके अनुसार इन मन्दिरों का निर्माण पाण्डवों ने किया था।


उत्तराखंड कुमाऊँ - गढ़वाल और नेपाल का डोटी भाग में असीम प्राकृतिक सौंदर्य को अपने गर्भ में छिपाए, हिमालय की पर्वत शृंखलाओं के मध्य, सनातन हिन्दू संस्कृति का शाश्वत संदेश देने वाले, अडिग विश्वास के प्रतीक केदारनाथ और अन्य चार पीठों सहित, नव केदार के नाम से जाने जाते हैं। श्रद्धालु तीर्थयात्री, सदियों से इन पावन स्थलों के दर्शन कर, कृतकृत्य और सफल मनोरथ होते रहे हैं।

1. केदारनाथ- 


केदारनाथ हिमालय पर्वतमाला में बसा भारत के उत्तरांचल राज्य का एक कस्बा है। यह रुद्रप्रयाग की एक नगर पंचायत है। यह हिन्दू धर्म के अनुयाइयों के लिए पवित्र स्थान है। यहाँ स्थित केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिन्दू धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है। 

2. तुंगनाथ-


तुंगनाथ उत्तराखण्ड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। तुंगनाथ पर्वत पर स्थित है तुंगनाथ मंदिर, जो 3460 मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ है और पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर 1000 वर्ष पुराना माना जाता है और यहाँ भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण पाण्डवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था, जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पाण्डवों से रुष्ट थे। तुंगनाथ की चोटी तीन धाराओं का स्रोत है, जिनसे अक्षकामिनी नदी बनती है। मंदिर चोपता से 3 किलोमीटर दूर स्थित है। कहा जाता है कि पार्वती माता ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए यहां विवाह से पहले तपस्या की थी।

3. रुद्रनाथ-


रुद्रनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित भगवान शिव का एक मन्दिर है जो कि पंचकेदार में से एक है। समुद्रतल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर भव्य प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में की जाती है। रुद्रनाथ मंदिर के सामने से दिखाई देती नन्दा देवी और त्रिशूल की हिमाच्छादित चोटियां यहां का आकर्षण बढाती हैं।

4. मध्यमहेश्वर-


मध्यमहेश्वर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। गाउंडर गाँव में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। 3,497 मीटर (11,473.1 फीट) की ऊंचाई पर स्थित, ऊखीमठ मध्यमहेश्वर की शीतकालीन स्थान है, यह पंच केदार तीर्थयात्रा सर्किट है, जिसमें गढ़वाल क्षेत्र के पांच शिव मंदिर शामिल हैं। सर्किट में अन्य मंदिरों में शामिल हैं: मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर से पहले केदारनाथ, तुंगनाथ और रुद्रनाथ का दौरा किया जाता है और फिर मध्यमहेश्वर का दौरा किया जाता है। शिव के मध्य (मध्य) या पेट के हिस्से या नाभि (नाभि) की पूजा इस मंदिर में की जाती है, माना जाता है कि इसे हिंदू महाकाव्य महाभारत के नायकों पांडवों द्वारा बनाया गया था।

5. कल्पेश्वर-


कल्पेश्वर मन्दिर उत्तराखण्ड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मन्दिर उर्गम घाटी में समुद्र तल से लगभग 2134 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस मन्दिर में 'जटा' या हिन्दू धर्म में मान्य त्रिदेवों में से एक भगवान शिव के उलझे हुए बालों की पूजा की जाती है। कल्पेश्वर मन्दिर 'पंचकेदार' तीर्थ यात्रा में पाँचवें स्थान पर आता है। वर्ष के किसी भी समय यहाँ का दौरा किया जा सकता है। इस छोटे से पत्थर के मन्दिर में एक गुफ़ा के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।


जय पंच केदार।

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