गोलू देवता किस राजवंश के राजकुमार थे।
गोलू देवता किस राजवंश के राजकुमार थे।
ऐसी लोक कथा है की गोलू देवता, कत्यूरी राजवंश के राजा झालुराई की इकलौती संतान थे। राजा झालुराई एक न्यायप्रिय, दयालु और तेजस्वी राजा थे। और गोलू देवता चम्पावत के राजा थे।
कत्यूरी राजवंश भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक मध्ययुगीन राजवंश था जिनके बारे में में माना जाता है कि वे अयोध्या के शालिवाहन शासक के वंशज हैं और इसलिए वे सूर्यवंशी हैं। तथापि, बहुत से इतिहासकार उन्हें कुनिन्दा शासकों से जोड़ते हैं और खस मूल से भी, जिनका कुमाऊँ क्षेत्र पर 6ठीं से 11वीं सदी तक शासन था।
कत्यूरी राजवंश भी शक वंशावली के माने जाते हैं, जैसे राजा शालिवाहन, को भी शक वंश से माना जाता है। तथापि, बद्री दत्त पाण्डे जैसे इतिहासकारों का मानना है कि कत्यूरी, अयोध्या से आए थे।
उन्होंने अपने राज्य को ‘कूर्माचल’ कहा, अर्थात ‘कूर्म की भूमि’, को भगवान विष्णु का दूसरा अवतार था, जिससे इस स्थान को इसका वर्तमान नाम,कुमाऊँ मिला। कत्युरी राजाका कुलदेवता स्वामीकार्तिकेय (मोहन्याल) नेपालके बोगटान राज्यमे विराजमान है |
जय गोल्ज्यू देवता।
ऐसी लोक कथा है की गोलू देवता, कत्यूरी राजवंश के राजा झालुराई की इकलौती संतान थे। राजा झालुराई एक न्यायप्रिय, दयालु और तेजस्वी राजा थे। और गोलू देवता चम्पावत के राजा थे।
जय गोल्ज्यू देवता |
कत्यूरी राजवंश भी शक वंशावली के माने जाते हैं, जैसे राजा शालिवाहन, को भी शक वंश से माना जाता है। तथापि, बद्री दत्त पाण्डे जैसे इतिहासकारों का मानना है कि कत्यूरी, अयोध्या से आए थे।
उन्होंने अपने राज्य को ‘कूर्माचल’ कहा, अर्थात ‘कूर्म की भूमि’, को भगवान विष्णु का दूसरा अवतार था, जिससे इस स्थान को इसका वर्तमान नाम,कुमाऊँ मिला। कत्युरी राजाका कुलदेवता स्वामीकार्तिकेय (मोहन्याल) नेपालके बोगटान राज्यमे विराजमान है |
जय गोल्ज्यू देवता।
जय हो श्री बाला गोरिया महाराज 🙏🙏🙏
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